मैं पतंनगर विश्व विद्यालय से विद्युत
अभियन्त्रिकी मे बी॰टेक॰ के उपरान्त
उत्तराखंड जल विद्युत निगम मे
सहायक अभियन्ता के पद पर कार्यरत हूं
वैसे तो साहित्य मेरा विषय नही रहा है
परन्तु कुछ रुझान होने के कारण लिखना
प्रारम्भ किया है
कोई भी छोटी-मोटी रचना के बाद
जो सुकून मिलता है वह पाना व अपनी
भावनाओ, अनुभवो को लेखनीबद्ध करना
इस ब्लोग का उद्देश्य है
जीवन के अनुभव और मन की भवनाओ को कलमबद्ध करने का आपका प्रयास वाकई बहुत सराहनीय है। आपकी सारी रचनाएँ पढ़ीं। अधिकतर सभी यथार्थता समेटे हुए और मन को झकझोरने वाली है। अच्छा लिख रहे हैं "जीत"। आपको इस "जीत" की हार्दिक बधाई। :-)
ReplyDeleteरही बात मार्गदर्शन की तो ब्लॉग जगत में कईं महानुभाव हैं जिनसे हम दोनों मार्गदर्शन ले सकते हैं। मार्गदर्शन देने के काबिल तो नहीं मैं, हाँ मगर सही और सच्ची प्रतिक्रियाएं जरूर देना चाहूंगी। धन्यवाद
आपकी "कौन आयेगा" और "बस आईने के लिए अपने जुबान मांगता हुं" मुझे बहुत पसंद आई
उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार
Deleteसच्ची प्रतिक्रिया ही इक चीज है जो की गल्तियो को सुधार्ने का मौका देती है
आपका बहुत आभार
लिखते रहें मार्ग अपने आप दिखता चला जायेगा
ReplyDeleteकुछ देर उबड़ खाबड़ सही फिर सपाट सीधा हो जायेगा :)
शुभकामनाऐं ।
शुभकामनओ के आशीर्वाद के लिये हार्दिक आभार सर
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