Wednesday 1 July 2015

सोने के खान मिलते है










किसी को बुजुर्गो से सोने के खान मिलते है                  
किसी से विरासत मे बडे सम्मान मिलते है
॰॰
जिन्दगी की राह बताना आसान नही इतना
कम के ही राहो में पुख्ता निशान मिलते है
॰॰                                            
भले ही खो गये जिन्दगीयों की भीड में
पर कम ही अब जिन्दा इंसान मिलते है
॰॰
फल की चिन्ता छोड अगर निज कर्म किया तो         
फिर निश्चित है कि अतुल परिणाम मिलते है
॰॰
यूं सोचना कि कर दिया है कुछ अच्छा ही
जब भी तुम्हे सफर में इल्जाम मिलते है
॰॰
अगर ठान लिया दिल में लडने को तूफानो से
फिर रास्ते भी सज्जन सरल आसान मिलते है

- जितेन्द्र तायल
मोब. 9456590120

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10 comments:

  1. बढ़िया प्रस्तुति

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (03-07-2015) को "जब बारिश आए तो..." (चर्चा अंक- 2025) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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  3. भले ही खो गये जिन्दगीयों की भीड में
    पर कम ही अब जिन्दा इंसान मिलते है
    ...सच जो जिंदादिल नहीं वो कैसा जिन्दा इंसा ...

    अगर ठान लिया दिल में लडने को तूफानो से
    फिर रास्ते भी सज्जन सरल आसान मिलते है
    .... सच पक्के धुन वाले कभी हारते नहीं.. उनकी राहों में सज्जन भी सरलता से मिलते हैं ..

    वाह! बहुत सुन्दर रचना

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    Replies
    1. बहुत आभार आदरणीय कविता जी

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  4. फल की चिन्ता छोड अगर निज कर्म किया तो
    फिर निश्चित है कि अतुल परिणाम मिलते है ..
    सच कहा अहि ... लाजवाब शेर है ... कर्म की प्रधानता को स्वीकार करना ही पड़ता है सभी को एक दिन ...

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  5. बहुत शुक्रिया आदरणीय

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