Monday, 30 March 2015

बडा इम्तिहान है


बडा इम्तिहान है
















रब ने जो दिया बहुत कुछ दिया है, यही तो इत्मिनान है
जानते तो है सब पर ये मानना, बडा इम्तिहान है

दो सुमन श्रद्धा के बस, और प्रेम की थोडी मिठाई
केवल इतना ही लेकर मीरा गिरिधर के पास आई
बिन साजो-सामान, उसे मनाना तो इतना आसान है
जानते तो है सब पर, ये मानना बडा इम्तिहान है

तीन कमरे का नया मकान, मैने रहने को पाया है
पर उसके हिस्से तो बंगला, आलिशान क्यूं आया है
निज सुख से नही सुखी, दुसरे के सुख से परेशान है
जानते तो है सब पर, ये मानना, बडा इम्तिहान है

जो मानता दिल से है उसे, उसके साथ तो खडा है वो
जो न माने उसके वजूद को, उससे भी कहां जुदा है वो
यही तो है खासियत तेरी ए रब, जो करती बडा हैरान है
जानते तो है सब पर, ये मानना बडा इम्तिहान है

अपना धर्म निभा मन से बस, जो चाहा तुझे अब मिलेगा
गर चूक भी गया तो गम न कर, तुझे इक सबक मिलेगा
हार से मिले सबक ही तो, अगली जीत की सही पहचान है
जानते तो है सब पर, ये मानना बडा इम्तिहान है

इस दुनियां मे बेटियां, दोनो जिम्मेदारी बखूबी निभाती हैं
पिता की राजकुमारी है तो, पति की परछाई भी कहलातीं है
बेटियां है तो ये घर, नगर, वतन सब और ये जहान है

जानते तो है सब पर, ये मानना बडा इम्तिहान है

- जितेन्द्र तायल/ तायल "जीत"
 मोब. ९४५६५९०१२०

No comments:

Post a Comment