निशाना निज लक्ष्य लगाना होता है
पहला कदम खुद ही उठाना होता है
सूरज को जगाने जाता नही कोई
सूरज को ही जग को जगाना होता है
पहला कदम खुद ही उठाना होता है
सूरज को जगाने जाता नही कोई
सूरज को ही जग को जगाना होता है
सपनो को लक्ष्य
बनाना होता है
आंसू को पलकों
में छुपाना होता है
हजार गम हो इस
दिल में मगर
महफिल में तो
मुस्कुराना होता है
जग का दुःख हर उठाना होता है
दिल से हर डर मिटाना होता है
लाख जलजले रोकने आयें हमें
पर यही तो घर बनाना होता है
अन्दर खुद के एक खजाना होता है
उस खजाने को ही तो पाना होता है
हर दर पर जाने की नही है जरूरत
बस उस के आगे सर झुकाना होता है
हर रिश्ते को बखूबी निभाना होता है
गैरों को भी दिल से अपनाना होता है
आसान नही है इक इसांन हो जाना
खुद को भूल दूसरो का हो जाना होता है
- जितेन्द्र तायल
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ReplyDeleteबहुत आभार नमन
Deleteबहुत सुन्दर और सारगर्भित प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत आभार आदरणीय
Deleteबहुत ही शानदार प्रस्तुति सर जी
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया दिव्या जी
Deleteबहुत बढ़िया ।
ReplyDeleteसादर नमन आदरणीय
Deleteबहुत सुंदर तरीके से शानदार प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत आभार मित्रवर
DeleteVery good write-up. I certainly love this website. Thanks!
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