ताकत भी हो सारी दुनिया की अगर
इख्तियार में
जब भी चाहतें हमारी होगीं, बस
तेरे इक दीदार में
॰॰
लडकर तो जीत ली है सारी लडाईयां
जमाने की पर
बिना लडे ही दिल हार बैठे है,
हम तेरे इस प्यार में
॰॰
माना फूलों की सारी खूबियां है
तुममे ए-दोस्त पर
महकना भूलाएगा तुझे, वो महक है
मेरे किरदार में
॰॰
कीमत है यहां इस दुनिया में, कुछ
न कुछ सबकी
हम सा नही मिलेगा जा, ढूढंले जाके
पूरे बाजार में
॰॰
जिन्दगी के चलन में खुद को भी
भूल चुके थे हम
अब ये मसरूफियतें भी कटती है तेरे
ही इंतजार में
॰॰
धीरज का समन्दर भी अब तो सूखने
को ही है मेरा
इतनी देर करदी है मेरे हमदम तुमने
इस इजहार में
॰॰
बहुत फायदा हुआ है तेरी इस बेरूखी
का भी हमे तो
शायरी मे दम आ गया, हम छपने लगे
है अखबार में
जितेन्द्र तायल
मोब 9456590120
(स्वरचित) कॉपीराईट © 1999 – 2015 Google इस ब्लॉग के अंतर्गत लिखित/प्रकाशित सभी सामग्रियों के सर्वाधिकार सुरक्षित हैं। किसी भी लेख/कविता को कहीं और प्रयोग करने के लिए लेखक की अनुमति आवश्यक है। आप लेखक के नाम का प्रयोग किये बिना इसे कहीं भी प्रकाशित नहीं कर सकते। कॉपीराईट © 1999 – 2015 Google
खूबसूरत ग़ज़ल ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार मित्रवर
Deleteहार्दिक नमन
ReplyDeleteबहुत फायदा हुआ है तेरी इस बेरूखी का भी हमे तो
ReplyDeleteशायरी मे दम आ गया, हम छपने लगे है अखबार में
..बहुत खूब!
कभी न कभी सबका समय आता है ..
सादर नमन आदरणीया
Deletekhubsurat shabdon se guntha gazal...
ReplyDeleteउत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार आदरणीया
Deleteवाह जितेंद्र जी इस शायराना अंदाज़ के क्या कहने
ReplyDeleteआप सभी मित्रो का स्नेह ही कलम की ऊर्जा है आदरणीया
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ReplyDeleteबहुत फायदा हुआ है तेरी इस बेरूखी का भी हमे तो
शायरी मे दम आ गया, हम छपने लगे है अखबार में
चलो आ ही गया समय जिसका इंतज़ार था
जबरदस्त लाजवाब
स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिये सादर आभार आदरणीया
Deleteलडकर तो जीत ली है सारी लडाईयां जमाने की पर
ReplyDeleteबिना लडे ही दिल हार बैठे है, हम तेरे इस प्यार में..
ये लड़ाई तो ऐसी ही है ... बिना लड़ के ही सब कुछ हार जाता है इंसान ... लाजवाब शेर हैं सभी इस ग़ज़ल की ...
सादर नमन आभार आदरणीय
Deletebahut sunder ..wah kya bat hai
ReplyDeleteउत्साह वर्धन के लिये बहुत आभार आदरणीया
Deleteसुंदर भावाभिव्यक्ति
ReplyDeleteसमर्थन के लिये हार्दिक आभार आदरणीय
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteशायरी मे दम आ गया, हम छपने लगे है अखबार में
ReplyDelete..बहुत खूब!
सादर नमन मित्रवर
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